उदहारण के तौर पर ये एक कुंडली है, जिसमें लग्न और
चन्द्र, दोनों को अलग से पहले भाव में रखके बनाया गया है.
पहला चार्ट है लग्न चार्ट और दूसरा है चन्द्र चार्ट.
मेरी तकनीक:-
चन्द्र चार्ट में पहले भाव को एक संख्या दें, फिर जब
गिनती करके पुरे चार्ट से होकर वापस पहले भाव में आएंगे तो पहले भाव कि संख्या
होगी तेरह. इसी तरह अगर फिरसे घूमें तो नयी संख्या होगी पचीस फिर सेंतीस, वगेरह
वगेरह.
अब हमारे पास पहले भाव कि संख्याएं हैं: एक, तेरह,
पच्चीस, सेंतीस, उनंचास,..
सवाल:- इनसे क्या होगा?
अब एक बात नोट की है कुछ चार्ट्स को देखके कि लोगों
कि शादी किस साल में हुई या होगी. इस बात का पता करने कि कोशिश करेंगे.
इस दिए गए चार्ट में जातक कि शादी 28वें साल में हुई.
मतलब 28वीं संख्या चन्द्र से किस राशी में हैं?
ज्यादातर चार्ट्स में देखा गया है कि लग्न राशी जिस भाव में होगी चन्द्र से उसी
भाव कि संख्या में शादी हुई या हो सकती है जातक की.
जैसे कि, नीचे दिए गए चन्द्र चार्ट में लग्न राशि
मतलब 3 चन्द्र से चोथे भाव में है. मतलब 28वीं संक्या में हुई.
मतलब चन्द्र चार्ट में जहाँ भी लग्न राशी होगी चन्द्र
से, वहां कि संख्या विवाह कि तारीख दर्शाएगी. कुछ चार्टों में इसे बखूबी से
इस्तेमाल किया गया और नतीजा सही निकला या एक साल का फरक पड़ जाता है जो कि अनुमान
लगाने के लिए काफी है.